डर (Fear) एक Natural (प्राकृतिक), शक्तिशाली और प्राचीन मानवीय भावना है। इसमें एक जैव रासायनिक प्रतिक्रिया और साथ ही एक उच्च व्यक्तिगत भावनात्मक प्रतिक्रिया शामिल है। डर हमें खतरे की उपस्थिति के प्रति सचेत करता है, चाहे वह खतरा शारीरिक हो या मानसिक। डर एक नकारात्मक (negative) भाव है,और जैसा कि हम जानते हैं, नकारात्मकता (Negativity) जीवन के किसी भी क्षेत्र के लिए अच्छा नहीं है। कई बार डर के कारण इंसान वो नहीं बन पाता जो वो बन सकता है। हर चीज़ को हार-जीत या सही-गलत के साँचे में डालना डर का प्रमुख कारण है। हमें चीजों को दुनिया नहीं अपने हिसाब से करना चाहिए। डर कई प्रकार का हो सकता है या डर कई चीज़ो का हो सकता हैं. चलिए जानते है कुछ ख़ास प्रकार के डर को और उनसे बचने के उपायों (Method) को
Fear has a large shadow but he himself is small”
Seriously न लिए जाने का डर (Fear)
ऐसा कई बार होता है जब आपके अंदर किसी प्रकार को negativity आ जाती है तो आपको लगने लगता है की आपको कोई serious नहीं लेगा। लेकिन ऐसा आपको बिलकुल भी नहीं सोचना चाहिए। बस आप जैसे हो वैसे रहो। दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं, इसकी चिंता न करें। दूसरों की उम्मीदों के अनुसार बनाई गई धारणाओं से खुद को न आंके। आपको ईमानदारी से अपने साथ खड़ा होना होगा। आपको अपने आप पर यकीन रखना होगा, अपने लिए गए फैसलों पर अडिग रहना होगा और अपने फैसलों को अपने काम से आप को सही बनाना होगा। अपने idea या अपने work को आपको खुद serious लेना है नाकि आपको यह सोचना है की लोग आपको serious लें, जब आप ख़ुदको serious नहीं लेंगे तो दुनिया क्या आपको ख़ाक serious लेगी। इसलिए अपने अंदर से इस बात की चिंता व डर बिलकुल बाहर निकाल फेकिये की लोग मुझे serious नहीं लेंगे।
Past Experiences का डर
पिछले अनुभवों से डरने की नहीं, सीखने की ज़रूरत है। past experience से मिली अच्छी मेमोरीज और पॉजिटिव मोमेंट्स को दिमाग़ में रखिये, नकारात्मकता से दूर रहिये। आप past में तो जा नहीं सकते लेकिन फ्यूचर में तो आपको जाना ही जाना है तो क्यों न उसको बेहतर बनाने की लिए जतन करिये। पुराने अनुभव से सीख कर ही सभी सफल हुए हैं। experience एक टीचर उससे कुछ अच्छा सीखिए।
“Let your past experiences teach you and not torment you”.
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Fear of Uncertainty
जो निश्चित ही नहीं है उसका क्या भय। anticipation और vision का सही इस्तेमाल ही आपको Uncertainty (अनिश्चितता) के डर से लड़ने में मदद देगा। फ्यूचर में होने वाली चीजों का रिजल्ट हमेशा बेस्ट से बेस्ट लेके चला करो और तब अगर पहला कदम उठाओगे, तब तुम में एक अलग स्ट्रेंथ दिखाई देगी मेरे दोस्त।
“When nothing is sure, everything is possible”
-Margaret Drabble
Fear of Rejection
बहुत ही कॉमन problem है आज के लोगों की fear of rejection. Love में रिजेक्शन हो या बिज़नेस में रिजेक्शन हो या किसी भी फील्ड से जुड़ा कोई भी रिजेक्शन क्यों न हो, आदमी को डर लगता है। जबकि रिजेक्शन का आना तो तय है हर क्षेत्र में। रिजेक्शन मतलब ये नहीं होता के आप मे कुछ ख़ास नहीं है बल्कि उसका मतलब ये होता है कि आप अपनी चीज़ों को और refine करे और फिर से try करे, क्योंकि जीवन में अभी बहुत मौक़े आने वाले हैं
Rejection doesn’t mean you aren’t good enough; it means the other person failed to notice what you have to offer.
-Mark Amend
Fear of getting hurt
आप कभी भी hurt नहीं होंगे अगर रिशते बनाओगे और लम्हों को आज में जियोगे। फ्यूचर को लेके hope मत बनाओ और न ही कोई उम्मीद रखो। आश्वस्त रहो जो होगा सही होगा भले के लिए होगा, और अगर कुछ भला न भी हुआ तो क्या खुद को hurt करके चीज़ें सुधारी जा सकती हैं? नहीं न.तो बस ख़ुश रहो और hurt होने का डर अपने मन से निकाल दो पूरी तरह से।
“You are going to keep getting hurt if you don’t let go”
Fear of losing control
लोगों में जो सबसे ज्यादा प्रचलित एक डर है वो है नियंत्रण खोने का। यह डर है कि यदि हमने भविष्य की घटनाओं के परिणाम को नियंत्रित करने का प्रबंधन नहीं किया, तो कुछ भयानक होगा। समस्या की जड़ एक ऐसी दुनिया में निश्चितता की मांग है,जो हमेशा अस्थायी और अनिश्चित है।
इसलिए, आपकी losing-control के फेर की चिंता को नियंत्रित करने की कुंजी है कि आप निश्चितता के लिए जो आपकी मांग है उसे जाने दे। अपने आप को एक imperfect इंसान के रूप में स्वीकार करें जो भविष्य के बारे में गलतियां करने के लिए स्वाभाविक है। चिंता करना बंद करो और चिंतन करो।
“And the loss of control is always the source of fear. It is also, however, always the source of change”
-James Frey